नई दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल 2025 को राज्यसभा में भी मंजूरी मिल गई है। देर रात करीब 2 बजे तक चली लंबी बहस के बाद इस बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि विरोध में 95 सांसदों ने मतदान किया। इससे पहले, यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका था।
क्या है वक्फ संशोधन बिल 2025?
यह बिल भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन से जुड़े पुराने कानूनों में सुधार के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार का कहना है कि इस संशोधन से वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
राज्यसभा में कैसे रही बहस?
बिल पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सत्ताधारी दल का कहना था कि यह कानून वक्फ बोर्डों के बेहतर प्रबंधन के लिए जरूरी है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ बताया।
सत्ताधारी दल का पक्ष:
- इस कानून से वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
- इससे फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
- प्रशासनिक सुधारों के जरिए बेहतर प्रबंधन संभव होगा।
विपक्ष का तर्क:
- विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों पर हमला है।
- उन्होंने इसे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ बताया।
- कुछ सांसदों ने कहा कि इससे वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता प्रभावित होगी।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की प्रतिक्रिया
बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित होगा। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कानून किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए लाया गया है।
अब आगे क्या होगा?
राज्यसभा में मंजूरी मिलने के बाद यह बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून के रूप में लागू हो जाएगा।
वक्फ संशोधन बिल 2025 पर संसद में लंबी बहस के बाद 128 वोटों के समर्थन से इसे राज्यसभा में पास कर दिया गया। सरकार ने इसे सुधारात्मक कदम बताया, जबकि विपक्ष ने इसका विरोध किया। अब इस बिल को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद यह कानूनी रूप से प्रभावी हो जाएगा।