वाशिंगटन। दक्षिणी चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के लिए अब मिसाइल को नष्ट करने वाले शस्त्र भी जुट रहे हैं। अमेरिकी नौसेना के प्रशांत बेड़े ने बताया है कि दक्षिणी चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास के लिए 19 अक्टूबर को Arleigh Burke क्लास गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर USS John S. McCain (DDG 56) रॉयल ऑस्ट्रेलियन नौसेना (RAN) और जापान मेरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) के साथ शामिल हो गया है।
दक्षिणी चीन सागर के बारे में
बता दें कि दक्षिणी चीन सागर पूर्वी एशिया में मौजूद पश्चिम प्रशांत महासागर का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह चीन के दक्षिणी भाग सहित वियतनाम के दक्षिणी एवं पूर्वी भाग, फिलीपींस के पश्चिम और र्बोनियो द्वीपसमूह के उत्तरी भाग में अवस्थित है। इसकी सीमा पर पड़ने वाले राज्य चीन से संबंध रखते हैं। इसमें चीनी गणराज्य (ताइवान) फिलीपींस, मलेशिया, ब्रेुनेई, इडोनेशिया, सिंगापुर और वियतनाम शामिल हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है दाक्षिणी चीन सागर
तो अब हम बात करतें हैं कि दाक्षिणी चीन सागर इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं। दरअसल, अपनी भौगोलिक अवस्थिति के चलते दक्षिणी चीन सागर सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह मलक्का जलसंधि द्वारा हिंद महासागर और प्रशांत महासागर को जोड़ता है। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के मुताबिक, वैश्विक नौ परिवहन व्यापार का एक-तिहाई हिस्सा इसी मार्ग से होता है। ऐसे में इसका महत्वपूर्ण होना जरुरी है।