ग्वालियर। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि केंद्र सरकार कृषि बिल के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा पारित प्रस्ताव पर विचार करेगी। हम किसानों के हित में फैसला लेंगे। यह बात उन्होंने मंगलवार को मीडिया से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के लाभ के लिए कृषि कानून लेकर आई है।
किसान बिल का परिणाम ठीक आने वाला है, लेकिन कांग्रेस के लोग जो काम अपने कार्यकाल में चाहते हुए भी नहीं कर पाए वह काम मोदी सरकार ने करके दिखा दिया तो उनके पेट में दर्द हो रहा है। जिन सुधारों का कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में जिक्र करती है वह जब हो जाता है तो विरोध करती है।
तोमर ने कहा कि समग्र रूप से खेती के स्वरूप को बदलने की जरूरत है। पीएम मोदी के नेतृत्व में वह प्रयास हो रहा है, जो खेती की नींव को स्थायी रूप से मजबूत करेगा। किसान महंगी फसलों की ओर जाएं, तकनीक से जुड़ें, उन्हें फसल का सही मूल्य मिले, इसकी बहुत जरूरत है। खाद और यूरिया को लेकर पहले बहुत दिक्कत थी लेकिन अब यह समस्या कम हो चुकी है।
पंजाब ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास किया, MSP पर फसल न खरीदी तो 3 साल की जेल
उधर, आज पंजाब विधानसभा में केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को पंजाब में निष्प्रभावी करने के लिए तीन बिल पेश किए गए, जिसे विधानसभा ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। सदन के नेता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आपातकालीन सत्र में बिल लाने में देरी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। वह इस संबंध में केंद्र को तीन पत्र भी लिख चुके हैं। पंजाब विधानसभा में केंद्र के कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए एक साथ एक प्रस्ताव व तीन बिल पेश किए गए। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के प्रभाव को राज्य में रोकने के लिए पंजाब सरकार ने जो तीन बिल पेश किए हैं उनमें किसानों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की गई है। मंडियों के बाहर खरीद करने वालों को कोई टैक्स अदा न करने के प्रावधान को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने अपने कानून में कहा है कि पंजाब राज्य में कहीं भी गेहूं और धान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर नहीं खरीदा जा सकेगा, अगर कोई कंपनी कॉरपोरेट व्यापारी आदि ऐसा करते हैं तो उन्हें 3 साल का सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।