MP Sub Engineer: मध्यप्रदेश के चयनित Sub Engineer ने नियुक्ति प्राप्त करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। उन्होंने ‘पढ़ाई सत्याग्रह’ की शुरुआत की है, जिसके तहत वे सभी किताबों और कटोरों के साथ शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे आमरण अनशन पर बैठे हैं, जिससे वे नियुक्ति प्राप्त करने की मांग में जुटे हैं। इन सब इंजीनियरों को युवा हल्ला बोल के प्रदेश अध्यक्ष अरुणोदय सिंह परमार समेत कई अभ्यर्थी समर्थन देते हुए दिखाई दिए हैं।
MP Sub Engineer का संघर्ष
चयनित सब इंजीनियरों का आंदोलन मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दिख रहा है। उनका कहना है कि सरकार ने उनके पद पर चयनित होने के बावजूद उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी है, जबकि कुछ कम अंक वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई है। इसे उन्होंने अन्याय माना है और उन्होंने इसके खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
‘पढ़ाई सत्याग्रह’ का अर्थ
‘पढ़ाई सत्याग्रह’ का मतलब है कि चयनित सब इंजीनियरों ने खुद को पढ़ाई में समर्पित कर दिया है और वे इसके तहत खुद को सरकार के निर्णयों के खिलाफ उत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दिखाया है कि वे अपने हक के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं और वे नियुक्ति प्राप्त करने तक जारी रहेंगे।
MP Sub Engineer आमरण अनशन
आमरण अनशन के तहत Sub Engineer ने नियुक्ति प्राप्त करने की मांग को मजबूती से उठाया है। यह आंदोलन उनके हक की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और उन्होंने दिखाया है कि वे अपने मांगों के लिए आवाज उठा सकते हैं।
सरकार पर उठाए गए आरोप
Sub Engineer ने सरकार पर भ्रष्टाचार और अन्याय के आरोप भी उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके संघर्ष को नजरअंदाज किया है और उनकी नियुक्ति पर अवैध रूप से रोक लगा दी हैै। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए यह आंदोलन आयोजित किया है।
युवाओं का एकत्रित होना
यह आंदोलन निरंतर बढ़ते हुए युवाओं के समर्थन में बढ़ रहा हैै। युवा वर्ग इस आंदोलन के पीछे है और उन्होंने इसके समर्थन में टूट पड़े है।
MP Sub Engineer नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की मांग
युवा Sub Engineer का मुख्य आवाज है कि उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया में कई सुधार की आवश्यकता है।
समान अधिकार की मांग
सभी Sub Engineer का यह आरोप है कि उन्होंने बहुत मेहनत के बावजूद भ्रष्टाचार के कारण उन्हें उनके समान अधिकार नहीं मिल रहे हैं।
यथासम्भाव समाधान की दिशा में कदम
यह संघर्ष लंबा चल सकता है और युवाओं को उनके अधिकारों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना होगा। सरकार को युवाओं की आवाज को सुनने और समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए संविधान में सुधार करने की सीरीजीयस्त दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।
मध्यप्रदेश के चयनित Sub Engineer का ‘पढ़ाई सत्याग्रह’ और आमरण अनशन उनके समान अधिकार और नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की मांग है। यह आंदोलन उनके प्रत्याशाओं और संघर्ष की एक उदाहरण है, जो समाज में सुधार की दिशा में प्रेरित करना चाहिए। सरकार को युवाओं की आवाज को सुनने और समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सही कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि राज्य के नागरिकों को न्याय और समानता की भावना मिल सके।