भोपाल। भू-मंडलीय ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) के खतरे से पृथ्वी को बचाने के लिए 109 दिन पहले शुरू हुआ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पौधे रोपने का अभियान सतत जारी है। वे देश में पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो अपनी तमाम व्यस्तताओं के बीच रोज एक पौधा रोप रहे हैं। विशेष मौकों पर तीन-चार पौधे भी रोपे, जिन्हें संरक्षित भी किया जा रहा है।
अब तक 121 पौधे लगा चुके हैं मुख्यमंत्री
चौहान मंत्रालय, स्मार्ट सिटी पार्क सहित राजधानी में अलग-अलग स्थान, प्रदेश और प्रदेश के बाहर दौरों पर रहने के दौरान भी पौधारोपण किया। वे अब तक 121 पौधे रोप चुके हैं। अभियान की शुरूआत नर्मदा जयंती (19 फरवरी) पर अमरकंटक से हुई थी।
मुख्यमंत्री ने एक साल तक रोज पौधारोपण का लिया संकल्प
मुख्यमंत्री ने वहां गुलबकावली और साल के पौधे रोपते हुए एक साल तक रोज पौधारोपण का संकल्प लिया था और यह प्रण कोरोनाकाल में भी पूरा किया। उन्होंने शुक्रवार को स्मार्ट पार्क में गुलमोहर का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री ने ‘वृक्ष हैं तो हम हैं’ का नारा दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा- पेड़ लगाना पृथ्वी को बचाने का अभियान है
उनका मानना है पेड़ ही हमारे आक्सीजन प्लांट हैं। उन्होंने अपने जन्मदिन (पांच मार्च) पर कहा था ‘पेड़ लगाना पृथ्वी को बचाने का अभियान है। यह अत्यंत पुनीत कार्य है। इस पवित्र सामाजिक अभियान को सफल बनाने के लिए मैं निकल पड़ा हूं।’ साथ ही समाज के हर वर्ग से अपील की है कि वे इस अभियान में पूरा सहयोग दें। मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिन पर जनता से कहा था वे अधिक से अधिक पौधारोपण करें, यही उनके लिए सच्चा उपहार होगा। इसके बाद भाजपा नेता, कार्यकर्ताओं और प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने अलग-अलग स्थानों पर व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया था।
रोपे पौधे दांडी यात्रा के 150 साल पूरे होने पर निकाली गई यात्रा
गुजरात, बंगाल, केरल में भी रोपे पौधे दांडी यात्रा के 150 साल पूरे होने पर निकाली गई यात्रा के दौरान शिवराज ने गुजरात के भरूच, मनन आश्रम में आम के पौधे रोपे। चुनावी दौरे के समय पश्चिम बंगाल, असम, केरल में सप्तकर्णी, नारियल, नीम, बरगद, पीपल सहित अन्य पौधे रोपे। अंकुर अभियान पर्यावरण को शुद्घ बनाने के लिए प्रदेश में अंकुर अभियान शुरू किया गया। इसके तहत कोई भी पौधारोपण का फोटो ‘वायुदूत एप’ पर अपलोड कर पुरस्कार पा सकता है। 30 दिन पौधे को संरक्षित करने की शर्त है। इसके विजेताओं को ‘वृक्ष वीर’ और ‘वृक्ष वीरांगना’ के रूप में जाना जाएगा। उन्हें मुख्यमंत्री प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित करेंगे।