नई दिल्ली। लंबे समय से चले आ रहे संशय पर विराम लगाते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने त्योहारों के लिए गाइडलाइंस जारी करते हुए रामलीला मंचन और दुर्गा पूजा के लिए सशर्त मंजूरी दे दी है। इस आशय के आदेश रविवार देर शाम मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने जारी किए। हालांकि पंडाल के पास मेले, झूले और फूड स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। मालूम हो कि दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में ही यह खबर प्रकाशित कर दी थी कि डीडीएमए रामलीला मंचन एवं दुर्गा पूजा के लिए जल्द ही मंजूरी दे सकती है। डीडीएमए के आदेश के मुताबिक जिला अधिकारी और डीसीपी संयुक्त निरीक्षण के बाद पूजा पंडाल और रामलीला के लिए मंजूरी देंगे।
आयोजकों को पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी करानी होगी। बगैर मास्क के जाने की इजाजत नहीं होगी और सामाजिक दूरी का पालन करना आवश्यक होगा। इसके साथ ही आने और जाने के लिए आयोजक अलग-अलग गेट बनवाएंगे। लोगों की मौजूदगी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 30 सितंबर को जारी किए गए आदेश का पालन करना होगा। गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा था कि बंद जगह पर कुल क्षमता के 50 फीसद लोग ही उपस्थित रहेंगे। वहीं खुले स्थानों पर शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी होगा।
डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति पूजा पंडाल या त्योहार के लिए होने वाले आयोजन में खड़ा नहीं रहेगा और न ही जमीन पर बैठेगा। शारीरिक दूरी के नियमों के साथ केवल कुर्सी पर बैठने की इजाजत होगी। इसके लिए भी कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन करना आवश्यक होगा। साथ ही अस्थायी टॉयलेट, बिजली, पानी, सैनिटाइजर और थर्मल स्कै¨नग की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। प्रत्येक दुर्गा पूजा पंडाल व रामलीला स्थल पर एक जिलाधिकारी व डीसीपी नोडल अधिकारी तैनात करेंगे।
नोडल अधिकारी डीडीएमए द्वारा जारी निर्देश का पालन कराएंगे। डीडीएमए के आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक रामलीला स्थल या दुर्गा पूजा पंडाल की आयोजक द्वारा वीडियोग्राफी कराई जाएगी जिस पर नोडल अधिकारी नजर रखेंगे। कार्यक्रम के पहले दिन से आखिरी दिन तक लगातार प्रतिदिन वीडियोग्राफी करानी होगी। इसके अलावा जिलाधिकारी भी वीडियोग्राफी कराएंगे। अपने क्षेत्र के तमाम रामलीला स्थलों के बारे में जिलाधिकारी व डीसीपी रोजाना दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेजेंगे कि सभी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जा रहा है। आयोजकों द्वारा सभी निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।