आध्यात्मिक विचार के साथ सनातन जीवनशैली का निर्वहन करने वाला सन्यासी के समान है – दिव्य अग्रवाल

By SHUBHAM SHARMA

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सनातन सभ्यता में ये कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जिसके विचारो में आध्यात्म हो एवम जीवनशैली में सनातन धर्म के संस्कार हो वो व्यक्ति सन्यासी के समकक्ष ही होता है ।

उत्तराखंड में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के तत्वाधान व आचार्य श्री आशीष भैया जी के मार्गदर्शन में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया मुख्य यजमान स्वरूप उपस्थित रहे ।

राजा भैया ने आध्यात्मिक मंच से अपने विचार रखे जिसमे उन्होंने कहा कि कुछ पाश्चात्य देशों के बिना ईसाइयत की कल्पना की जा सकती है । कुछ मुस्लिम देशों के बिना भी इस्लाम की कल्पना की जा सकती है परन्तु भारत के बिना हिन्दू सनातन धर्म की कल्पना नही की जा सकती।

उन्होंने महर्षि अरविंद के एक व्याख्यान का वर्णन किया जिसमें महर्षि अरविंद जी गंगा के अतिरिक्त सभी नदियों को अविरल पवित्र नदी मानते हुए कहते है कि गंगा कोई नदी नही अपितु साक्षात जीवित देवी है , गंगा माँ है मात्र नदी नही ।

राजा भैया ने स्वम् एवम सभी सनातनियो को धन्य माना एवम कहा कि सनातन हिन्दू धर्म सर्वश्रेष्ठ है इस धर्म मे स्वम प्रभु श्रीकृष्ण व प्रभु श्रीराम का अवतरण हुआ है अतः हिन्दू धर्म में हमारा जन्म हुआ ये हमारा सौभाग्य है ।

राजा भैया ने गुरु अर्जुन देव व औरंगजेब के एक प्रकरण का भी व्यख्यान किया एवम कहा कि जिस तरह औरंगजेब की शर्त पर गुरु अर्जुन देव ने अपने पवित्र वस्त्रों को फाड़कर अपने साथियों को उन वस्त्रों के सहारे जेल से मुक्ति दिलवाई थी ।

उसी तरह जीवन मे आध्यात्मिक पथ प्रदर्शक का होना बहूत ही आवश्यक है । राजा भैया का ये भी मानना रहा कि जो हमारा है वो सर्वोत्तम है इसी विचारधारा पर पाश्चत्य संस्कृति को नही अपितु सनातन संस्कृति को ही सर्वोत्तम मानकर प्रत्येक हिन्दू को अपने धर्म का अनुशरण करना चाहिए ।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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